चंद्र ग्रहण राशिफल (31 जनवरी 2018)
By: Future Point | 22-Feb-2018
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31 जनवरी 2018 को चंद्रग्रहण सायंकाल में 16:21 से प्रारंभ हो कर 21:38 पर समाप्त होगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 05 घंटे 17 मिनट की रहेगी। इस दिन चंद्रमा अपनी ही राशि कर्क में गोचर कर रहे होंगे। अत: इस ग्रहण का प्रभाव सबसे अधिक कर्क राशि के जातकों पर पड़ेगा। कर्क राशि वालों को इस ग्रहण का अशुभ फल प्राप्त होगा। चंद्र ग्रहण के अशुभ फल से बचने के लिए सफेद वस्तुओं का दान करना चाहिए और विशेष रूप से चंद्रमा के मंत्र का जाप एवं पाठ करना चाहिए या अपने ईष्ट की साधना करनी चाहिए।
ग्रहण का समय - सायं 16:21 से 21:38 तक, कुल 5 घंटे 17 मिनट का ग्रहण रहेगा।
ग्रहण किन स्थानों में दिखाई देगा - एशिया, आस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, पश्चिमी उत्तर अमेरिका, भारत।
ग्रहण का सूतक
इस चन्द्रग्रहण का सूतक 31 जनवरी, 2018 को सुबह 7 बजकर से ही आरंभ हो जाएगा।
लोगों को चन्द्रोदय के समय से पूर्व 9 घंटे से सूतक मानना चाहिए और सूतक समय के नियमों का पालन करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण का राशियों पर इसका जरूर प्रभाव पड़ेगा, परन्तु इससे मिलने वाला फल सभी के लिए एक समान नहीं रहने वाला है। इसलिये किसी का भाग्य उदय होगा, तो किसी के जीवन में समस्याएं आ सकती हैं-
मेष राशि
इस राशि चतर्थ राशि मे चंद्रग्रहण होगा। यह समय संभलने का है। कोई भी कार्य ऐसा नही करें, जिससे चिंताएं बढ़ जाएं। धन की आवक कमजोर हो सकती है। निवेश से घाटा होने की आशंका है। विवादों से हानि हो सकती है। चोरी आदि से भी सावधान रहना होगा।
वृष राशि
राशि से तीसरा चंद्रग्रहण शुभ फल देने वाला होगा। शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। रुके कार्य संपन्न होंगे एवं रोगों में सुधार होगा। उधार दिए गए पैसों की वसूली होगी एवं संपत्ति से लाभ होगा एवं नए कार्यों का आरंभ होगा।
मिथुन राशि
दूसरा राशि में चंद्रग्रहण यह समय सामान्य लाभ देने वाला होगा। शुभ सूचनाएं मिलेगी, किंतु मन उदास रहेगा। मनचाही सफलताएं मिलने में संदेह रहेगा। आगे बढ़ने में सहायता करने वाले पीछे हटेंगे। रोगों में वृद्धि हो सकती है, लेकिन कोई गंभीर समस्या नहीं होगी।
कर्क राशि
चंद्र का गोचर इसी राशि में ग्रहण योग निर्मित करेगा। अत्यंत सावधानी बरतने का समय है। हर कार्य को सावधानीपूर्वक करें एवं किसी से विवाद की स्थिति निर्मित होने पर पिछे हट जाएं, तो बेहतर होगा। वाहन आदि प्रयोग में सावधानी रखें एवं निवेश का जोखिम नही लें।
सिंह राशि
द्वादश राशि में चंद्रग्रहण संभलकर रहने का संकेत करता है। आय में कमी होगी एवं चिंताओं में वृद्धि होगी। कार्य क्षमता कमजोर हो सकती है। रिश्तेदारों स विवाद एवं विरोधी प्रभावी हो सकते हैं। कार्यस्थल पर असम्मानीय स्थिति निर्मित हो सकती है।
कन्या राशि
एकादश राशि मे चंद्रग्रहण शुभ फल देने वाला होगा। शुभ समाचार एवं आय की वृद्धि के संकेत हैं। संपत्ति से लाभ एवं रुके कार्यों के पूर्ण होने के संकेत हैं। रोगों में लाभ होगा एवं विरोधाी हताश होंगे। कार्य प्रणाली में सुधार होगा।
तुला राशि
इस राशि से दशम यानी मकर राशि में चंद्रग्रहण होगा, यह साधारण फल देने वाला होगा। आय सामान्य बनी रहेगी और चिंताओं से मुक्ति मिलेगी। नई जिम्मेदारी मिल सकती है। अधिकारी प्रसन्न रहेंगे, किंतु कार्य अधिक करना पड़ सकता है। विरोधियों को परास्त करने के लिए प्रयास करना होगा।
वृश्चिक राशि
इस राशि से नवम राशि में चंद्रग्रहण का असर रहेगा। न्यायलयीन एवं विवादित मामलों में अपना पक्ष रखने के समय प्राप्त होगा। जिम्मेदारी बढ़ेगी एवं परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी में बदलाव हो सकता है।
धनु राशि
अष्टम राशि में चंद्रग्रहण अशुभ फल का सूचक है। रोगों की वृद्धि हो सकती है। संतान से भी दुख प्राप्त होगा। नौकरी में भी चिंताजनक खबर मिल सकती है। यह समय शांत रहने का है। किसी से विवाद नही करें एवं परिवार वालों की सलाह पर ध्यान देना उचित होगा।
मकर राशि
सप्तम राशि मे चंद्रग्रहण का सामान्य फल देने वाला होगा। विचारों की अधिकता रहेगी। नए कार्यों को करने का मौका मिलेगा एवं कार्यशैली में सुधार होगा। क्रेडिट मिलने में संदेह रहेगा। परिवार का सहयोग बना रहेगा। धन की कमी महसूस होगी।
कुंभ राशि
इस राशि के लिए यह चंद्रग्रहण शुभ फलदायी होगा। धन का लाभ एवं छठी राशि मे चंद्र ग्रहण होने से रुके कार्यों में भी गति आएगी। विवादों में विजय प्राप्त होगी। शुभ समाचारों की वृद्धि होगी। बेरोजगारों को रोजगार की प्राप्ति होगी।
मीन राशि
इस राशि से पांचवीं राशि से ग्रहण लगेगा, जो सामान्य फल प्रदान करने वाला होगा। अशुभों को निराकरण होगा एवं अच्छे कार्यों में लगे रहेंगे। उदासी का अंत होगा। रिश्तेदारों से संबंधों में सुधार होगा एवं धन की आवक सामान्य रहेगा।
ग्रहण का पर्वकाल
हर ग्रहण में स्नान, दान तथा जप आदि का विशेष माहात्म्य होता है। सामान्यत: ग्रहण का पर्वकाल ग्रहण आरंभ से ग्रहण समाप्ति तक का काल माना है क्योंकि यह ग्रहण भारत के सुदूर पूर्वी क्षेत्रों को छोड़कर शेष भारत में ग्रस्तोदय ही होगा, अत: यहाँ चन्द्रोदय से ग्रहण समाप्ति तक के काल को पर्वकाल माना जाएगा। धर्मपरायण लोगों को चन्द्रोदय को ही ग्रहण आरंभ मानकर सभी धार्मिक क्रियाओं का सम्पादन व अनुष्ठान करना चाहिए।
चन्द्रग्रहण के समय हम कुछ विशेष बातों का ध्यान रखते हुए न केवल बहुत सी परेशानियों से ही बच सकते है वरन इसका सदुपयोग करके अक्षय पुण्य को भी प्राप्त कर सकते है। मान्यता है कि किसी भी ग्रहण के दौरान सूर्य ग्रहण में सूर्य की किरणें, और चंद्र ग्रहण में चन्द्रमा की रश्मियाँ पृथ्वी पर अपना नकारात्मक प्रभाव छोड़ती हैं, जिसका प्रभाव पूरे वायुमण्डल में पड़ता है. मनुष्य तो मनुष्य हमारे घर, प्रतिष्ठान पर भी ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से घर को बचाने के लिए ग्रहण से एक दिन पहले घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर में घी मिलाकर ॐ या स्वास्तिक का चिह्न बनायें ।
- बाजार में गमलो को रंगने के लिए, रंगोली बनाने के लिए गेरू मिलता है, ग्रहण से पहले घर के मुख्य द्वार के पास , घर की छत पर एवं घर के आँगन में गेरु के टुकड़े बिखेर दें, और ग्रहण के बाद इसे झाड़ू से बटोर कर घर के बाहर फेंक दे। इस उपाय से घर पर ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है ।
- चंद्रग्रहणकाल के समय अर्जित किया गया पुण्य अक्षय होता है । धार्मिक लोग इस समय का बहुत ही बेताबी से इंतज़ार करते है और इसका निश्चित ही लाभ उठाते है । इस समय में किया गया दान, जप, ध्यान का फल पूरे वर्ष में किये गए पुण्य से बहुत ही ज्यादा होता है ।
- भगवान वेदव्यास जी ने कहा है कि - सामान्य दिन से चंद्रग्रहण में किया गया जप , तप, ध्यान, दान आदि एक लाख गुना और सूर्य ग्रहण में दस लाख गुना फलदायी होता है और यदि यह गंगा नदी के किनारे किया जायें तो चंद्रग्रहण में एक करोड़ गुना और सूर्यग्रहण में दस करोड़ गुना फलदायी होता है।
- चंद्रग्रहण मोक्ष होने पर सोलह प्रकार के दान, जैसे अन्न, जल, वस्त्र, फल, दूध, मीठा, स्वर्ण, चंद्रमा से संबंधित सफेद वस्तुएं जैसे मोती, चांदी, सफेद कपड़ा, चावल, मिश्री, शंख, कपूर, श्वेत चंदन, सफेद फूल, पलाश की लकड़ी, दही, चावल, घी, चीनी आदि का दान जो भी संभव हो सभी मनुष्यों को अवश्य ही करना चाहिए।
- लेकिन जिन व्यक्ति का चन्द्रमा उच्च का हो उन्हें सफ़ेद वस्तुओं का दान बिलकुल भी नहीं करना चाहिए । वह अन्न, वस्त्र, फल, पीली लाल मिठाई आदि का दान कर सकते है ।