बृहस्पति का कुंभ राशि में गोचर (Guru ka Kumbh Rashi me Parivartan ), बदल जाएंगे इन पांच राशियों के भविष्य | Future Point

बृहस्पति का कुंभ राशि में गोचर (Guru ka Kumbh Rashi me Parivartan ), बदल जाएंगे इन पांच राशियों के भविष्य

By: Future Point | 12-Nov-2021
Views : 3601बृहस्पति का कुंभ राशि में गोचर (Guru ka Kumbh Rashi me Parivartan ), बदल जाएंगे इन पांच राशियों के भविष्य

बृहस्पति ग्रह ज्योतिष के नव ग्रहों में सबसे अधिक शुभ ग्रह माने जाते हैं। गुरू आध्यात्मिकता को विकसित करने वाला है। बृहस्पति के प्रभाव से जातक का मन धर्म एवं आध्यात्मिक कार्यों में अधिक लगता है। जातक को करियर में उन्नति, स्वास्थ्य लाभ, मजबूत आर्थिक स्थिति, विवाह एवं संतानोत्पत्ति जैसे शुभ फल प्राप्त होते हैं। यदि कुंडली में बृहस्पति बलवान है और अन्य ग्रहों की स्थिति ठीक नहीं होने पर भी कोई कष्ट या हानि नहीं होती है। बृहस्पति तीर्थ स्थानों तथा मंदिरों, पवित्र नदियों तथा धार्मिक क्रिया कलाप से जुडे हैं। गुरु ग्रह को अध्यापकों, ज्योतिषियों, दार्शनिकों, लेखकों जैसे कई प्रकार के क्षेत्रों में कार्य करने का कारक माना जाता है। गुरु ग्रह से धन-सम्पति, पुत्र संतान, जीवन साथी, शैक्षिक गुरु, बुद्धिमता, शिक्षा, ज्योतिष तर्क, शिल्पज्ञान, समृ्द्धि, अच्छे गुण, श्रद्धा, त्याग, धर्म, विश्वास, धार्मिक कार्यो, राजसिक सम्मान आदि देखा जाता है।

गुरू जीवन के अधिकतर क्षेत्रों में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने में सहायक हैं। अपने सकारात्मक रुख के कारण व्यक्ति कठिन से कठिन समय को आसानी से सुलझाने के प्रयास में लगा रहता है। गुरू आशावादी बनाते हैं और निराशा को जीवन में प्रवेश नहीं करने देते हैं। गुरू के अच्छे प्रभाव स्वरुप जातक परिवार को साथ में लेकर चलने की चाह रखने वाला होता है। गुरु के प्रभाव से व्यक्ति को बैंक, आयकर, खंजाची, राजस्व, मंदिर, धर्मार्थ संस्थाएं, कानूनी क्षेत्र, जज, न्यायाल्य, वकील, सम्पादक, प्राचार्य, शिक्षाविद, शेयर बाजार, पूंजीपति, दार्शनिक, ज्योतिषी, वेदों और शास्त्रों का ज्ञाता होता है।

 

बृहस्पति गोचर -

बृहस्पति ग्रह 20 नवंबर 2021, शनिवार के दिन रात 23 बजकर 31 मिनट पर अपनी नीच राशि मकर से कुम्भ राशि में गोचर करेंगे, और 13 अप्रैल 2022 तक इसी राशि में स्थित रहेंगे। गुरु के नीच राशि मकर में गोचर के दौरान सबसे अधिक शिक्षा बाधित हुई है। लेकिन गुरु के कुम्भ राशि में गोचर से शिक्षा में सुधार देखने को मिलेगा। गुरु बृहस्पति के इस राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी राशि के जातकों को प्रभावित करेगा। तो आइए जानते हैं, इस गोचर का सभी 12 राशियों पर क्या होगा भविष्यफल।

मेष राशि :- 

बृहस्पति देव आपके नवमें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे। ग्यारहवें भाव को लाभ का भाव कहा जाता है अत: गुरु का इस भाव में होना लाभ की दृष्टि से अच्छा रहेगा। इस अवधि में गुरु के प्रभाव से प्रोफेशनल लाइफ में आपकी उन्नति होगी। नौकरी पेशा और व्यावसायिक जातकों को बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। पदोन्नति होने की संभावना है। इस दौरान कार्यस्थल पर आपको पदोन्नति या सम्मान मिलने की संभावना है। इसके अलावा व्यवसाय कर रहे जातकों को अपने बिजनेस का विस्तार करने में बड़ी सफलता मिलेगी। विवाह नहीं हुआ है तो योग बन रहे हैं। घर खरीदने और कोई अच्‍छा कार्य करने के योग भी बन रहे हैं। गुरु गोचर की इस अवधि में नया व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

उपाय:- बृहस्पति बीज मंत्र का जाप करें- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:

वृषभ राशि -

बृहस्पति आपके लिए आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और आपकी राशि से दशवें भाव में गोचर करेंगे। ज्योतिष में दशम भाव कर्म का  होता है और इससे आपकी नौकरी व व्यवसाय का विचार किया जाता है। इस गोचर के दौरान गुरु का दशम भाव में स्थित होना करियर में कुछ लाभ तो कुछ परेशानियों के संकेत दे रहा है। और वहीं कार्य स्थल पर आपके कुछ लोगों के साथ मतभेद हो सकते हैं इसलिए ऑफिस में बेवजह की बातों से बचें और सहकर्मी व अधिकारियों के साथ अच्छा व्यवहार करें। गुरु गोचर की इस अवधि में आपकी सेहत भी प्रभावित हो सकती है अत: स्वास्थ्य को लेकर कोई लापरवाही न बरतें। वहीं कमजोर सेहत का असर आपके मनोबल पर भी पड़ेगा। इसके परिणामस्वरूप आपकी इच्छा शक्ति में कमी आएगी और मानसिक तनाव आप पर हावी रहेगा। आपकी माताजी की तबियत यदि खराब चल रही थी तो इस गोचर के असर से उसमें सुधार हो सकता है। अपनी सेहत में अच्छे बदलाव करने के लिए आपको अपने लिए भी समय निकालना होगा।

उपाय - ब्राह्मण को शक्कर दान करें और गाय को रोटी खिलाएं।

मिथुन राशि -

मिथुन राशि वालों के लिए गुरु ग्रह का गोचर आपकी राशि से नवमें भाव में होने जा रहा है। इस भाव को भाग्य भाव भी कहा जाता है। इस गोचर के दौरान आपको अपने कर्मों का अच्छा फल प्राप्त होगा, नौकरी पेशा से जुड़े लोगों को तरक्की मिलने की उम्मीद है वहीं इस राशि के जो लोग अपना कारोबार करते हैं उनकी नई योजनाएं सफल होंगी। इस अवधि में कई माध्यमों से आपको लाभ की प्राप्ति हो सकती है। गुरु धर्म और दर्शन का कारक है इसलिए इस अवधि में धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी। आप तीर्थ दर्शन या किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। बृहस्पति देव की कृपा से आपका पारिवारिक जीवन भी इस दौरान अच्छा रहेगा। कुछ शादीशुदा जातकों के जीवन में नए मेहमान की दस्तक होने की भी इस समय पूरी संभावना है। आर्थिक पक्ष को सुधारने के लिए जो योजनाएं आपने बीते समय में बनाई थी, उनका सकारात्मक प्रभाव अब आपको देखने को मिलेगा।

 उपाय- ब्राह्मण को शक्कर दान करें और गाय को रोटी खिलाएं।

कर्क राशि -

कर्क राशि वालों के लिए गुरु ग्रह का गोचर आपकी राशि से आठवें भाव में होने जा रहा है। इस भाव को आयु भाव कहा जाता है। इस भाव से  जीवन में आने वाले उतार चढ़ावों और अचानक से होने वाली घटनाओं के बारे में विचार करते हैं। आठवें भाव में बृहस्पति के गोचर से आपको जीवन में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस गोचर काल में आपको अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा, बाहर के तले-भुने भोज्य पदार्थों से परहेज करें नहीं तो आपको पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। कोई दुखद समाचार मिलने से आपका मन व्यथित हो सकता है। अनचाही यात्राएं इस दौरान आपको परेशान करेंगी। आर्थिक पक्ष की बात की जाए तो आपको धन संचय करने में इस समय दिक्कतें आ सकती हैं, आपको सतर्क रहने की जरूरत है और प्रत्येक काम शौच-समझ कर करने होंगे।

 उपाय-  श्री शिव रुद्राभिषेक कराएं।

सिंह राशि -

बृहस्पति आपके पांचवें व आठवें भाव के स्वामी हैं और आपकी राशि से सातवें भाव में गोचर करेंगे। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सातवां भाव जीवन साथी और वैवाहिक जीवन का भाव होता है। अत: गुरु के सातवें भाव में स्थित होने से आपको जीवनसाथी की ओर से खुशियां मिलेंगी और आपका दाम्पत्य जीवन मधुर रहेगा। हालांकि कुछ समय ऐसा भी आएगा जब आपको खट्टे-मीठे अनुभवों का सामना करना पड़े। इसलिए ऐसी स्थिति में संयम के साथ काम लें और जीवनसाथी की भावनाओं को समझें। यदि पार्टनरशिप में बिजनेस करने के बारे में सोच रहे हैं तो यह समय इसके लिए अनुकूल है। क्योंकि व्यावसायिक साझेदारी से लाभ होने की संभावना है। बिजनेस पार्टनर या जीवनसाथी की मदद से भी लाभ मिल सकता है। वहीँ नौकरी न बदलने या स्थानांतरण के बारे में न सोचने की सलाह दी जाती है।

उपाय-  बृहस्पति यंत्र की स्थापना करें और उसकी नियमित पूजा करें।

कन्या राशि -

ज्ञान के कारक कहे जाने वाले बृहस्पति देव आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेंगे। इस भाव से रोग, रिपु, ऋण आदि के बारे में विचार किया जाता है। छठे भाव में गुरु के उपस्थित होने से आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से आपको बहुत सावधान रहना होगा और चीजों को नियंत्रण में रखना होगा। आपको इस समय अपने मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना होगा और इसके लिए आप प्राणायाम का सहारा ले सकते हैं। नौकरी पेशा लोगों की बात की जाए तो इस अवधि में आपके कुछ सहकर्मी आपके खिलाफ साजिशें कर सकते हैं इसलिए आपको अपने कार्यक्षेत्र में बहुत सतर्कता से चलना होगा। व्यापार करने वालों को इस दौरान संयम से काम लेने की जरूरत है। खासकर सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी है। आर्थिक रूप से यह आपके लिए चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है साझेदारी में कारोबार करने वाले लोगों को धन संबंधी मामलों में अपने साझेदार पर नज़र बनाए रखनी होगी। गुरु गोचर की इस अवधि में सफलता पाने के लिए आपको संघर्ष करना पड़ सकता है।

उपाय- हर गुरुवार को सुबह के समय पीपल के वृक्ष को बिना स्पर्श किये जल चढ़ाएं।

तुला राशि -

बृहस्पति देव आपके  तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और आपकी राशि से पांचवें भाव में गोचर करेंगे। यह समय आपके करियर की दृष्टि से अच्छा रहेगा। लाभ की स्थितियां बनेंगी। सामाजिक स्तर पर आपके अच्छे संपर्क बनेंगे जो आपके व्यावसायिक और निजी जीवन को सरल बनाने में काम आएँगे। आपके मन में दूसरों के प्रति इस समय दया का भाव रहेगा और आप परोपकारी कामों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले सकते हैं। इस अवधि में आपको संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है या फिर आपके परिवार में किसी बच्चे का जन्म हो सकता है। बच्चे का जन्म होने से परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। सरकारी विभाग या प्राधिकरण से लाभ मिलने की संभावना बन रही है। ऐसे में सरकारी महकमे के उच्च अधिकारी आपका पक्ष ले सकते हैं। इस गोचर के दौरान प्यार आपके दिल में दस्तक दे सकता है और अगर आप इस समय एक रोमांटिक रिश्ता शुरू करते हैं, तो यह वास्तव में गंभीर होगा। गुरु गोचर की इस अवधि में समाज के प्रबुद्ध व्यक्तियों के साथ आपका मेल-जोल बढ़ेगा और उनके संपर्क में आने से नई बातें व विचारों को जानने का अवसर मिलेगा।

उपाय- सफेद गाय को हल्दी का तिलक लगाकर आटा खिलाएं।

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वृश्चिक राशि -

वृश्चिक राशि वालों के लिए गुरु ग्रह का गोचर आपकी राशि से चौथे भाव में होने जा रहा है। इस भाव से आपके सुख और मातृ पक्ष का विचार किया जाता है। इस गोचर के दौरान घर में कोई शुभ कार्य संपन्न हो सकता है। आप परिजनों के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे। इस दौरान आध्यात्म के प्रति आपका झुकाव बढ़ेगा और अपनी मानसिक परेशानियों को दूर करने के लिए आप किसी आध्यात्मिक गुरु की शरण में जा सकते हैं। गुरु के कुम्भ में गोचर के दौरान आपको अपने वित्त पर विशेष नियंत्रण रखना होगा क्योंकि इस अवधि के दौरान आपके खर्च बढ़ सकते हैं। नौकरी और व्यवसाय में मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे। वहीं स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आपको प्रयास करने होंगे। आपकी बहुत सी परेशानियों का कारण आपकी निष्क्रियता है। सरकारी नौकरी में कार्यरत इस राशि के जातक अपने काम के जरिये लोगों को चौंका सकते हैं।

उपाय- प्रतिदिन माथे पर केसर का तिलक लगाएं।

धनु राशि -

धनु राशि वालों के लिए गुरु ग्रह का गोचर आपकी राशि से चौथे भाव में होने जा रहा है। इस भाव से आपके साहस, भाई-बहनों और छोटी यात्राओं आदि का विचार किया जाता है। यह गोचर आपके लिए शुभफलदायक रहेगा। इस दौरान आपको पराक्रम के साथ भाग्य का भी पूरा साथ मिलेगा। विवाह और यात्रा के योग बन रहे हैं। बेरोजगार हैं तो नौकरी मिलने के अच्छे संकेत हैं। आपके लिए जरूरी है कि आलस्य छोड़कर अपने सपने के पीछे भागना प्रारंभ कर दें क्योंकि यह समय आपके लिए अनुकूल है। इस अवधि में आपको अपने व्यवसाय में अधिक मेहनत करने की जरूरत होगी। इसलिए वे जातक जो व्यवसाय करते हैं उनके लिए यह समय संभलकर चलने वाला है। इस दौरान बिजनेस में किसी भी तरह का निवेश करने से पहले एक बार अच्छी तरह से सोच-विचार कर लें। क्योंकि यदि सही रणनीति बनाकर काम किया तो आपको इसका लाभ अवश्य मिलेगा। वहीं नौकरी पेशा जातकों के लिए यह समय बेहतर रहेगा। वहीं इस दौरान मित्रों से भी अलगाव हो सकता है। हालांकि मजबूत इच्छाशक्ति से आप इन तमाम चुनौतियों को मात दे सकते हैं इसलिए मेहनत और लगन के साथ काम करते रहें।

उपाय- गुरुवार के दिन पुखराज रत्न को सोने की अंगूठी में जड़वाकर तर्जनी अंगुली में धारण करें।

मकर राशि -

मकर राशि वालों के लिए ज्ञान के कारक गुरु ग्रह का गोचर आपकी राशि से दूसरे भाव में होने जा रहा है। वैदिक ज्योतिष में दूसरे भाव को धन भाव कहा जाता है इसलिए यह हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण होता है। गुरु का इस भाव में स्थित होना शुभ संकेत दे रहा है। इस अवधि में आप पैसों का संचय करेंगे और धन लाभ की प्राप्ति होगी। यदि आपने किसी को धन उधार दिया था तो इस समय वो आपको वापस मिल सकता है। परिवार के लोगों के बीच आप इस समय खुलकर अपनी बातें रखेंगे जिसकी वजह से कई परेशानियां दूर हो जाएंगी। इस दौरान आप परिवार को एकजुट करने की कोशिश करते नजर आएँगे। इस दौरान छोटे-बड़े सभी तरह के निवेश कार्यों से लाभ की संभावना बन रही है हालांकि जल्दबाजी में ऐसा कोई कार्य न करें जिससे आर्थिक नुकसान उठाना पड़े। गुरु के गोचर के प्रभाव से पारिवारिक जीवन में शांति और सद्भाव बना रहेगा। गुरु के प्रभाव से आपकी प्रोफेशनल लाइफ भी शानदार रहने वाली है। कार्यस्थल पर आपको अपनी मेहनत और प्रयासों का फल मिलेगा। इसलिए हो सकता है कि आपको प्रमोशन व सैलरी इंक्रीमेंट की सौगात मिल जाये।

उपाय- गुरुवार के दिन पीला चंदन, हल्दी व चना दाल का दान करें और गाय को गुड़-रोटी खिलाएं।

कुम्भ राशि -

बृहस्पति देव आपकी राशि यानि आपके लग्न भाव में गोचर करने वाले हैं। प्रथम भाव में गुरु का गोचर आपके लिए शुभ रहेगा। करियर के क्षेत्र में इस समय भाग्य आपका साथ देगा। आर्थिक मामलों को लेकर यदि आप परेशान थे तो इस गोचरकाल में आपकी यह परेशानियां दूर हो जाएंगी। इस समय आप धन का संचय करने में तो सक्षम होंगे। यदि आप किसी के साथ कोई बिजनेस साझेदारी में कर रहे हैं तो उसमें फायदा मिलेगा। वहीं नए व्यवसाय में पैसा लगाने के लिए भी यह समय उत्तम है। वैवाहिक जीवन की बात की जाए तो जीवनसाथी की बातें आपके लिए इस दौरान मरहम की तरह काम कर सकती हैं। आप दोनों के बीच नज़दीकी बढ़ेगी और रोमांस में भी वृद्धि होगी। सामाजिक स्तर पर आपको अपने गुस्से पर नियंत्रण रखना होगा नहीं तो किसी बेवजह के विवाद में आप पड़ सकते हैं। स्वास्थ्य इस समय अनुकूल रहेगा और मानसिक तौर पर आप खुद को सहज महसूस करेंगे। जिसके चलते आप रचनात्मक कार्यों में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। इस समय आप उस लक्ष्य को भी प्राप्त कर सकते हैं जिसके लिए काफी समय से मेहनत कर रहे थे।

उपाय- अपने घर में नियमित रूप से कपूर का एक दीया जलायें।

मीन राशि -

मीन राशि वालों के लिए गुरु ग्रह का गोचर आपकी राशि से बारहवें भाव में होने जा रहा है। इस भाव से हानि, विदेशी लाभ और मोक्ष आदि का विचार किया जाता है। बृहस्पति का इस भाव में स्थित होना मिले-जुले परिणाम देने वाला साबित होगा। इस दौरान मानसिक तनाव बढ़ने से आप परेशान रहेंगे इसलिए बेवजह तनाव लेने से बचें। यदि कोई तनावपूर्ण परिस्थिति बनें तो धैर्य और संयम के साथ काम लें। इस अवधि में प्रॉपर्टी को लेकर भी कोई विवाद हो सकता है अत: जमीन या मकान की खरीदी-बिक्री और मालिकाना हक से जुड़े मामलों में थोड़ा सावधान रहने की जरुरत है। लेकिन विदेश से जुड़े लोगों को कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलता प्राप्त होगी। लेकिन स्वदेश में कार्य कर रहे लोगों को पैसों के लेन-देन में सतर्क रहना होगा। बिना सोच-विचार के कोई निवेश न करें वरना आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। गुरु गोचर के दौरान परिवार के लोगों से अलगाव या मनमुटाव हो सकता है। इसलिए सतर्क रहें और मतभेदों को दूर करने की कोशिश करें।

उपाय- गुरुवार को केले के पेड़ का पूजन करें।