आलस्य का आपकी कुंडली में ग्रहों की दशा से क्या है कनेक्शन, जानिए ।
By: Future Point | 22-Apr-2019
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आलस पन जब भी आता है तो हमारे शरीर में कहीं न कहीं जो हमारे गंदे विकार होते हैं, हमारे शरीर में गंदी वायु होती है उसके ठहरने के कारण से ऐसा होता है, ऐसे में हम सब अक्सर आलस का शिकार हो सकते हैं और आलस की वजह से हमारे कई जरुरी कार्य भी अधूरे ही रह जाते हैं जिसका बाद में हमे काफी अफ़सोस भी होता है मगर क्या आपको पता है कि हमारे शरीर में आलस का हमारी कुंडली में ग्रहों की दशा से बहुत ही गहरा कनेक्शन है.
आइये हम आपको बताते हैं कि आलस का आपकी कुंडली में ग्रहों की दशा से क्या है कनेक्शन।
कुंडली में कौन से ग्रहों की दशा का प्रभाव हमारे शरीर में आलस पर पड़ता है-
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य हमारे जीवन की ऊर्जा है सूर्य से ही दिन और रात होती है, सूर्य के अनुसार अगर हम चलते हैं तो हमारा जीवन प्रकृति के साथ तालमेल बना कर के रखता है लेकिन जब हम उसके विपरीत चलते हैं तो हमें परेशानियां आ जाती हैं जिससे कि राहु एक्टिव हो जाते हैं जिसके कारण शनि का प्रभाव पूर्ण रूप से एक्टिव हो जाता है और आपके बुध पर उसके नकारात्मक प्रभाव शुरू हो जाते हैं.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में मुख्य ग्रह चंद्रमा होता है या फिर चंद्रमा लग्न की स्थिति पर अपना प्रभाव छोड़ता है तो व्यक्ति आलस्य की चपेट में आ जाता है, और ऐसा माना जाता है कि कुंडली में ग्रहों की उपरोक्त दशा होने पर व्यक्ति खुद को शारीरिक रूप से कमजोर महसूस करने लगता है और ऐसे में व्यक्ति को आलस्य भी बहुत आता है.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में मुख्य ग्रह बृहस्पति होता है या फिर शुक्र ग्रह लग्न पर अपना प्रभाव छोड़ रहा हो तो ऐसी दशा में व्यक्ति के आलस्य पन से घिर जाने की मान्यता है और माना जाता है कि ऐसी दशा में वो व्यक्ति का काम करने में मन नही लगता है और सिर्फ व्यक्ति को आराम करने का मन करता है, इस प्रकार से चंद्रमा, बृहस्पति और शुक्र ग्रहों की कुंडली में स्थिति को मुख्य रूप से आलस्य के लिय जिम्मेदार माना गया है.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह की दशा ख़राब होने पर भी व्यक्ति आलस्य का शिकार हो जाता है, ऐसा माना जाता है कि शनि ग्रह से आने वाला आलस बहुत ही भयानक होता है और ऐसी दशा में व्यक्ति अपने बिस्तर से बिल्कुल भी उठना ही नही चाहता है और उसका काम करने का तो बिल्कुल भी मन नही करता है.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली का तीसरा, छठा, ग्यारहवा भाव कमजोर होने पर भी व्यक्ति पर आलस पन हावी होने लगता है.
- चंद्रमा प्रभावित आलस्य लगातार नही रहता है ये मन की स्थितियों के आधार पर आता जाता रहता है, ऐसी स्थिति में हर रोज स्नान अवश्य करें और स्नान के बाद शरीर को रगड़ कर सुखाएं और इसके साथ ही हर रोज सुबह को बोल- बोल कर गायत्री मन्त्र का जाप करें.
- और इस सबके साथ ही आलस्य के लिए भोजन को भी जिम्मेदार माना गया है, कहते हैं कि कार्बोहाइड्रेट्स और कैलोरी से युक्त भरपूर भोजन लेने पर अधिक ही आलस्य आता है इसलिए हमे ऐसे भोज्य पदार्थो को लेने से परहेज करना चाहिए जिसमे कार्बोहाइड्रेट्स और कैलोरी की मात्रा अधिक हो, और हो सके तो रात्रि को जल्दी ही भोजन कर लें.
- आलस पन को दूर करने के लिए आप हो सके तो नारंगी रंग का प्रयोग भी कर सकते हैं .
राशियों के अनुसार आलस्य दूर करने के उपाय …
मेष राशि –
मेष राशि वालों को पीपल के पेड़ की परिक्रमा लगातार 11 दिन तक करनी चाहिए.
वृषभ राशि –
वृषभ राशि वालों को किसी जरूरत मंद को अपने पहने हुए वस्त्र दान करने चाहिए.
मिथुन राशि –
मिथुन राशि वालों को सुबह खाली पेट केसर का सेवन 21 दिन तक लगातार करना चाहिए.
कर्क राशि –
कर्क राशि वालों को किसी भी मंगलवार के दिन एक बरगद का पौधा लगाना चाहिए.
सिंह राशि –
सिंह राशि वालों को रविवार के दिन तांबे का एक सिक्का अपने सिरहाने पर रख कर सोना चाहिए और सुबह वो सिक्का पीपल के पेड़ के नीचे रख दें.
कन्या राशि –
कन्या राशि वालों को एकादशी या गुरुवार के दिन मंदिर में केले का पौधा लगाना चाहिए.
तुला राशि –
तुला राशि वालों को ॐ नमो भगवते वासु देवाय नमः मन्त्र का जाप प्रति दिन स्नान करने के बाद करना चाहिए.
वृश्चिक राशि –
वृश्चिक राशि वालों को मंगलवार की शाम को सुंदर कांड का पाठ करना चाहिए.
धनु राशि –
धनु राशि वालों को 21 दिन तक लगातार साबुत हल्दी पीसकर गंगाजल में मिलाएं और इससे तिलक करना चाहिए.
मकर राशि –
मकर राशि वालों को हर अमावस्या के दिन विकलांगों को अन्न दान करना चाहिए.
कुंभ राशि –
कुंभ राशि वालों को शुक्रवार का व्रत रखना चाहिए और संतोषी माँ की पूजा करनी चाहिए.
मीन राशि –
मीन राशि वालों को शनिवार के दिन उड़द की खिचड़ी दान करनी चाहिए.