2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण, 6 ग्रहों की युति के साथ प्रभावित होंगी 12 राशियां-
By: Future Point | 11-Dec-2019
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सौरमंडल में जब पृथ्वी और सूर्य के मध्य चंद्रमा आ जाता है, तब सूर्य ग्रहण लगता है| सूर्य ग्रहण की घटना अमावस्या के दिन ही घटित होती है| इस दिन सूर्य और चन्द्रमा एक राशि में होते हैं| साल 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण दिनांक 26 दिसंबर (पौष अमावस)को होने जा रहा है| यह सूर्य ग्रहण अत्यंत विशेष है| क्योंकि इस दिन छः ग्रहों की युति धनु राशि में होने जा रही है| यह अत्यंत दुर्लभ संयोग है| यह संयोग ब्रह्माण्ड के प्रत्येक जीव को प्रभावित करेगा| इस छः ग्रही योग में सूर्य चन्द्रमा बुध गुरु शनि व केतु की युति हो रही है| इन ग्रहों की युति कई योगों और कई दुर्योगों का निर्माण करेगी| जैसे-गजकेसरी योग,बुधादित्य योग,अमावस्या दोष,पितृदोष,और गुरुचांडालदोष, इन योगों दुर्योगों का प्रभाव प्रत्येक राशि के जातकों पर पड़ेगा| परन्तु इस षडग्रही योग का शुभ प्रभाव कम रहेगा, क्योंकि इस युति में सूर्य चन्द्रमा बुध शनि व केतु पापी ग्रह हैं| केवल गुरु शुभ ग्रह है, वह भी पाप ग्रहों के साथ शुभ फल नहीं दे पाएंगे| षडग्रही युति पर ग्रहण होने के कारण इन ग्रहों का बुरा प्रभाव और अधिक बढ़ गया है| इसलिए मेष से मीनराशि पर्यन्त जातकों को इस षडग्रही योग का अत्यंत तीव्र अच्छा या बुरा प्रभाव देखने को मिलेगा|
यह सूर्यग्रहण भारत के साथ-साथ एशिया, आस्ट्रेलिया और अफ्रीका में भी दिखाई देगा| यह एक खंडग्रास सूर्यग्रहण है| इस बार सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य आग से भरी अंगूठी के आकार का दिखाई देगा| जिसे वैज्ञानिकों की भाषा में वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है|
ग्रहण के समय न करें ये काम-
हमारे ऋषि-मुनियों ने सूर्य ग्रहण के समय रसोई से संबंधित कोई भी कार्य करने को मना किया है| खासकर कि खाना नहीं बनाना चाहिए|
सूर्य ग्रहण के समय जठराग्नि, नेत्र तथा पित्त की शक्ति कमज़ोर पड़ती है| इसलिए गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए, और इसके दुष्प्रभाव से शिशु अंगहीन होकर विकलांग बन सकता है, गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है|
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को कुछ भी कैंची या चाकू से काटने को मना किया जाता है और किसी वस्त्रादि को सिलने से रोका जाता है| क्योंकि ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से शिशु के अंग या तो कट जाते हैं या फिर जुड़ जाते हैं|
ग्रहण काल में तेल से मालिश नहीं करनी चाहिए, ऐसा करने से त्वचा सम्बन्धी रोग हो सकता है|
ग्रहण के समय करें ये काम-
ग्रहण के दौरान चारों तरफ बहुत अधिक निगेटिविटी फैल जाती है इसलिए घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद दूब को निकालकर फेंक देना चाहिए|
ग्रहण लगने के पूर्व नदी या घर में उपलब्ध जल से स्नान करके भगवान का पूजन, यज्ञ, जप करना चाहिए|
सूर्य ग्रहण लगने से कई घंटे पहले सूतक लग जाता है| इस दौरान घर में भी भगवान के मंदिर को ढक देना चाहिए|
पूजा-पाठ करना चाहिए और सूर्यदेव के मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए| सूर्यदेव का मंत्र - ‘ऊँ घृणिः सूर्याय नमः’| इस मंत्र का जाप करने से आपके आस-पास निगेटिविटी नहीं रहेगी|
ग्रहण और सूतक काल -
सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण से 12 घंटे पूर्व 25 दिसंबर को शाम 5 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगा जिसकी समाप्ति 26 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर होगी| सूतक काल में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए| यह आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.17 मिनट से शुरू होगा और इसकी समाप्ति 10:55 मिनट पर होगी| ग्रहण की अवधि 02 घंटे 40 मिनट की होगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह ग्रहण सूर्य पौष माह की अमावस्या के दिन मूल नक्षत्र और धनु राशि में लगने जा रहा है|
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जानते हैं कि यह षडग्रही सूर्यग्रहण किन राशि के जातकों के लिए शुभ व अशुभ फलदायी रहेगा|
मेष राशि
षडग्रही सूर्य ग्रहण का मेष राशि पर प्रभाव-
मेष राशि के जातकों के लिए इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव अशुभ ही देखने को मिलेगा| यह ग्रहण मेष राशि से नवम भाव अर्थात भाग्य भाव में लगने जा रहा है| इस भाव पर छः ग्रहों की युति के चलते आपका भाग्य आपका साथ कम देगा| माँ को कष्ट हो सकता है| परेशानियां बढ़ेंगी, किसी पर विश्वास मत करें, आपको धोखा मिल सकता है| समय और परिस्थितियों को देखते हुए ही कार्य करना आपके लिए बेहतर साबित होगा| किसी नए कार्य का शुभारंभ करना या जल्दबाजी में कोई निर्णय लेना नुकसान दायक हो सकता है|
इस समय में आपके छोटे भाई बहनों को भी किसी प्रकार की शारीरिक समस्या हो सकती है| परिवार वालों के साथ आपसी सामंजस्य बनाए रखने का प्रयास करें| दांपत्य जीवन में थोड़ा बहुत तनाव उत्पन्न हो सकता है| व्यवसाय में उतार-चढाव रहेगा| नौकरी में पदोन्नति हो सकती है। स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी हो सकती है| किसी तरह की चोट-चपेट की संभावनाएं बन सकती हैं|
विशेष उपाय-
ग्रहण का दर्शन ना करें| दोषों के निवारण के लिए सुन्दरकाण्ड का पाठ करवाएं| ग्रहण के मोक्ष अर्थात शुद्धिकाल होने पर रक्त चन्दन मिश्रित जल से स्नान करें|
मंगल बीज मंत्र का जाप करें-
ॐ अं अंगारकाय नम:” ।। इस मन्त्र का 108 बार जाप करना श्रेयस्कर होगा|
वृषभ राशि
षडग्रही सूर्य ग्रहण का वृषभ राशि पर प्रभाव-
वृषभ राशि वाले जातकों के लिए यह सूर्य ग्रहण आठवें भाव पर लगने जा रहा है| इस भाव पर छः ग्रहों की युति होने से इस राशि के जातकों को बहुत ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है| क्योंकि इस समय इन्हें कई प्रकार के संकटों का सामना करना पड़ सकता है| वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि इस समय में आप किसी दुर्घटना के शिकार भी हो सकते हैं| आपकी सेहत अत्याधिक खराब तथा आपरेशन तक की नौबत भी आ सकती है| आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार रहेगा|
विशेष उपाय-
ग्रहण का दर्शन ना करें| बुरे प्रभावों से बचने के लिए दुर्गासप्तशती का पाठ करवाएं, ग्रहण की शुद्धि होने पर केसर मिश्रित जल से स्नान करें|
मंत्र-
“ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते ”
इस मंत्र का 108 बार जाप करें|
मिथुन राशि
षडग्रही योग व सूर्य ग्रहण का मिथुन राशि पर प्रभाव-
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रहण उनके सातवें भाव पर लगने जा रहा है| इस भाव पर छः ग्रहों की युति होने से इनके जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है| और आपके स्वास्थ्य के लिए भी यह समय उपयुक्त नहीं है| पारिवार में कलहपूर्ण वातावरण तथा आपका आपके जीवनसाथी के साथ किसी प्रकार का झगड़ा भी हो सकता है|
यह समय पति पत्नी के लिए कष्टकारी रहेगा| इस समय में आपको सिरदर्द की शिकायत भी हो सकती है| वहीं दूसरी तरफ बिजनेस में भी घाटे की स्थिति रहेगी| साझेदारी में किसी के साथ बिजनेस न करें| आपको बिना किसी बात का तनाव भी इस समय में रह सकता है|
विशेष उपाय-
इस राशि के जातक ग्रहण का दर्शन ना करें| विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत्र के 108 पाठ करवाएं, ग्रहण का मोक्ष होने पर शहद मिश्रित जल से स्नान करें|
मंत्र-
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय् नम: ।
इस मंत्र का जाप 108 बार करें|
कर्क राशि
षडग्रही सूर्य ग्रहण का कर्क राशि पर प्रभाव-
कर्क राशि वाले जातकों के लिए इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव कुछ शुभ तो कुछ अशुभ देखने को मिलेगा| यह ग्रहण कर्क राशि के लिए छठे भाव में पड़ने जा रहा है| इस भाव पर छः ग्रहों की युति के होने से आप शत्रुओं का दमन करने वाले होंगे| इस समय में आप अपने शत्रुओं पर हावी रहेंगे| और वहीं यदि आपका कोई कोर्ट केस चल रहा है तो आपको उसमें भी सफलता मिल सकती है| लेकिन इस समय अब्धि में आपको अपने स्वास्थ्य की और विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है| इस समय आपको स्वास्थ्य से सम्बंधित परेशानी हो सकती है| खान-पान का विशेष ध्यान रखें| धन के लिहाज से यह समय सामान्य रहेगा|
विशेष उपाय-
सफेद वस्त्र, चावल, शंख, सफेद चंदन, श्वेत पुष्प, चीनी, दही, दूध, मोती, 1 जोड़ा जनेऊ, दक्षिणा के साथ दान करें| गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करें, और पंचामृत मिश्रित जल से स्नान करें|
मंत्र -
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !!
इस मंत्र का 31,000 की संख्या में जप करवाएं|
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सिंह राशि
षडग्रही सूर्य ग्रहण का सिंह राशि पर प्रभाव-
सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रहण का अशुभ प्रभाव अधिक रहेगा| क्यांकि यह ग्रहण आपकी राशि से पांचवें भाव में तथा आपकी राशि के स्वामी को लग रहा है| इस भाव पर छः ग्रहों की युति के होने से इस ग्रहण का अशुभ प्रभाव और अधिक बढ़ गया है| आपके मान सम्मान और प्रतिष्ठा में कमीं आ सकती है| इस समय अब्धि में अधिक क्रोध न करें| नहीं तो कारोबार से सम्बंधित नुकसान उठाना पड़ सकता है| संतान पक्ष से आप परेशान रह सकते हैं| इसलिए उनकी सेहत की ओर विशेष ध्यान दें| यह समय प्रेम संबंधों के लिए अच्छा नहीं है| आपका प्रेम संबंध टूट सकता है|
विशेष उपाय-
इस राशि के जातक ग्रहण का दर्शन ना करें| रोटी में गुड़ डाल कर गाय को खिलाएं| ग्रहण की शुद्धि होने पर लाल चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डाल कर स्नान करें|
सूर्य मन्त्र :-
“आदित्य हृदय स्तोत्र” का 108 की संख्या में पाठ करवाएं|
या
ऊँ हृां हृीं सः सूर्याय नमः|| इस मन्त्र के कम से कम 7000 एवं अधिकतम 28000 जप करवाएं|
कन्या राशि
षडग्रही सूर्य ग्रहण का कन्या राशि पर प्रभाव-
कन्या राशि के जातकों के लिए यह सूर्य ग्रहण चौथे भाव पर लगने जा रहा है| जिसका प्रभाव इस राशि के लिए अशुभ रहने वाला है। क्योंकि इन छः ग्रहों युति चौथे भाव में माँ के स्वास्थ्य और सुखों में कमी करने वाली होगी| यदि आप कोई मकान या वाहन खरीदना चाहते हैं| तो यह समय अनुकूल नहीं है| और इस समय में आपको अपने प्रेम संबंधों और वैवाहिक जीवन को लेकर भी सर्तकता बरतने की आवश्यकता है|
इस समय में नौकरी और व्यापार करने वाले जातकों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है| आपको आर्थिक तंगी तथा आपके कर्जों में बढ़ोतरी हो सकती है| अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें, नहीं तो आपके मान-सम्मान में कमी आ सकती है| महिला पक्ष से कष्ट मिलाने के संकेत हैं|
विशेष उपाय-
ग्रहण को ना देखें| गाय को हरा चारा और किन्नरों को हरे रंग के वस्त्र देना शुभ होगा| ग्रहण का मोक्ष होने पर जायफल मिश्रित जल से स्नान करें|
मन्त्र-
ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:|
इस मंत्र का कम से कम 9000, एवं अधिकतम 36000,संख्या में जप करवाएं|
तुला राशि
षडग्रही सूर्य ग्रहण का तुला राशि पर प्रभाव-
तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रहण उनके तीसरे भाव पर लगने जा रहा है| कुंडली में तीसरा स्थान व्यक्ति के पराक्रम और भाई-बहनों से संबंध रखता है| इस भाव पर छः ग्रहों की युति के होने से भाई-बहनों के साथ आपके रिश्ते पर यह ग्रहण लगेगा| भाई-बहनों के साथ आपके रिश्ते में थोड़ी खटास आ सकती है| सूर्य ग्रहण के कारण आपका गुस्सा अधिक बढ़ सकता है| इस समय में आप किसी बेकार के वाद-विवाद में पड़ सकते हैं| जो आपको काफी लंबे समय तक परेशान कर सकता है|
वहीं दूसरी ओर आपका भाग्य भी आपका साथ कम देगा| क्रोध पर नियंत्रण रखें, और हरएक फैसला सोच समझ कर लें| जिससे आपके मान और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी, इस ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये आज के दिन धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग दें|
विशेष उपाय-
इस राशि के जातक ग्रहण का दर्शन ना करें| और इस दिन खाने से पहले अपने भोजन में से एक रोटी गाय को, एक कौवे और एक कुत्ते के लिए निकाल कर रखें| और ग्रहण की शुद्धि होने पर सफेद चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डाल कर स्नान करें| ऐसा करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी|
मंत्र-
ॐ हृीं श्रीं शुक्राय नमः|| इस मंत्र का 16,000 की संख्या में जप करवाएं|
वृश्चिक राशि
षडग्रही सूर्य ग्रहण का वृश्चिक राशि पर प्रभाव-
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव अशुभ ही देखने को मिलेगा| यह ग्रहण वृश्चिक राशि से दूसरे भाव में लगने जा रहा है| कुंडली में दूसरा स्थान धन से संबंध रखता है| इस भाव पर छः ग्रहों की युति के होने से आपकी आर्थिक स्थिति पर यह ग्रहण लगेगा| जिसके कारण आपको आर्थिक रूप से कुछ परेशानी फेस करनी पड़ सकती है| आपका पैसा कहीं पर फंस सकता है|
वहीं दूसरी ओर इस समय में आपका अपने परिवार में किसी के साथ झगड़ा हो सकता है| जिसके कारण आपका मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है| इसलिए मन को शांत रखें, और वाद-विवाद से बचें| ग्रहण काल में शराब या मासं का सेवन बिल्कुल भी ना करें| नहीं तोे आप इस समय में किसी गंभीर बिमारी या आर्थिक परेशानी का शिकार हो सकते हैं|
विशेष उपाय-
ग्रहण का दर्शन बिलकुल भी ना करें| हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं| तथा ग्रहण की शुद्धि होने पर लाल चन्दन मिश्रित जल से स्नान करें| बारह मुखी रूद्राक्ष को धारण करने या फिर अपने पास रखने से लाभ मिलेगा|
मंत्र-
ऊँ क्षिति पुत्राय विदमहे लोहितांगाय धीमहि-तन्नो भौम: प्रचोदयात|| इस मंत्र का 10, 000 की संख्या में जप करवाएं|
धनु राशि
षडग्रही सूर्य ग्रहण का धनु राशि पर प्रभाव-
धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रहण लग्न भाव पर लगने जा रहा है| लग्न मनुष्य का सर्वस्व है, इस भाव से व्यक्ति के व्यक्तित्व का विचार किया जाता है| इस राशि के जातकों को यह ग्रहण सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा| क्योंकि यह ग्रहण इन्हीं की ही राशि पर लग रहा है| इस भाव पर छः ग्रहों की युति के होने से आप मानसिक चिंताओं से ग्रसित रहेंगे| वहीं दूसरी ओर आपको सेहत से जुड़ी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है| आप लीवर, ह्वदय, आंत, जंघा आदि के रोगों से ग्रसित हो सकते हैं| इस ग्रहण काल में आपकी ही सेहत नहीं बल्कि आपके जीवनसाथी की सेहत भी खराब हो सकती है| धैर्य ना खोएं, संतुलन बना कर रखें|
विशेष उपाय-
ग्रहण का दर्शन ना करें| इस दिन घी का दीप जलाकर भगवन विष्णु की पूजा करें| इस दिन अपने माता पिता और गुरु का आशीर्वाद जरूर लें| ग्रहण का मोक्ष होने पर हल्दी मिश्रित जल से स्नान करें| तथा विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत्र का पाठ 108 की संख्या में करवाएं|
मंत्र-
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय || इस मंत्र का जाप करें|
मकर राशि
षडग्रही सूर्य ग्रहण का मकर राशि पर प्रभाव-
मकर राशि वाले जातकों के लिए यह सूर्य ग्रहण बारहवें भाव पर लगने जा रहा है| इस भाव पर छः ग्रहों की युति के होने से इस राशि के जातकों के लिए खर्च अधिक बढ़ सकते हैं| बेफजूल की यात्राएं हो सकती हैं| पति पत्नी के मध्य आंतरिक कलह हो सकती है| वहीं दूसरी ओर इस समय में आपको अस्पतालों या कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं| इतना ही नहीं इस समय में आपका कोई शत्रु आपको हानि पहुँचाने की कोशिश कर सकता है| वाद-विवाद से बचें, और प्रत्येक कार्य सोच समझ कर करें| लेकिन यदि आप विदेश जाने के इच्छुक हैं तो यह समय आपके लिए अनुकूल है|
विशेष उपाय-
इस राशि के जातक ग्रहण का दर्शन ना करें| काले कंबल का दान करें, ग्रहण की शुद्धि होने पर जल में काले तिल डालकर स्नान करें|
मंत्र-
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:|| इस मंत्र का 23,000 की संख्या में जप करवाएं|
कुंभ राशि
षडग्रही सूर्य ग्रहण का कुंभ राशि पर प्रभाव-
कुंभ राशि वाले जातकों के लिए इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव कुछ शुभ तो कुछ अशुभ देखने को मिलेगा| यह ग्रहण कुंभ राशि के लिए ग्याहरवें भाव में लगने जा रहा है|| इस भाव से मुख्यता लाभ का विचार किया जाता है| इस भाव पर छः ग्रहों की युति के कारण इस राशि के जातकों की आय में वृद्धि हो सकती है| और रूके हुए धन की वापसी भी हो सकती है|
वहीं दूसरी ओर इन्हें अपने बड़े भाई से भी किसी प्रकार का लाभ मिल सकता है| यह समय इनकी सभी इच्छाओं की पूर्ति का समय है| इसलिए इस राशि के जातकों को इस समय का अधिक लाभ उठाना चाहिए| लेकिन इन्हें संतान पक्ष से कोई चिंता हो सकती है| और प्रेम संबंधों के मामलों में किसी तरह का तनाव बन सकता है|
विशेष उपाय-
इस राशि के जातक ग्रहण का दर्शन ना करें| इस दिन सुन्दरकाण्ड का पाठ करवाएं| और ग्रहण की शुद्धि होने पर गंगाजल को स्नान के जल में डाल कर स्नान करें| ऐसा करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी|
मंत्र-
ॐ कृष्णांगाय विद्य्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात|| इस शनि मंत्र का 108 बार जाप करें|
मीन राशि
षडग्रही सूर्य ग्रहण का मीन राशि पर प्रभाव-
मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रहण उनके दशवें भाव अर्थात कर्म स्थान पर लगने जा रहा है| इस दिन छः ग्रहों की युति दशवें भाव पर होने जा रही है| जिसके कारण इस समय में नौकरी करने वाले जातकों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है| आपका आपके उच्च अधिकारीयों से वाद-विवाद हो सकता है|
वहीं दूसरी ओर इस समय में आपकी नौकरी भी जा सकती है या फिर आपका कहीं दूसरी जगह ट्रांसफर या जॉब का परिवर्तन भी हो सकता है| इस ग्रहण काल में आपके मान-सम्मान में कमी भी आ सकती है| या फिर आप पर कोई गलत इल्जाम भी लग सकता है| परिवार में कलह,और मानसिक तनाव में बढ़ोत्तरी हो सकती है| इसलिए इस समय में विशेष सावधानी बरतें|
विशेष उपाय-
ग्रहण का दर्शन ना करें| इस दिन रोटी में चने की दाल, गुड़ एवं हल्दी डालकर गाय को खिलाएं| केसर का तिलक लगाएं। और पञ्चमुखी रुद्राक्ष धारण करें| ग्रहण का मोक्ष होने पर पिले चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डाल कर स्नान करें|
मंत्र-
ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः|| इस मंत्र का 19,000 की संख्या में जप करवाएं|
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