Dhanu Varsik Rashifal - जाने धनु राशि वार्षिक राशिफल के बारे में

वार्षिक राशिफल (धनु राशि)

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इस वर्ष शनि कुम्भ राशि में तृतीय भाव में और राहु मीन राशि में चतुर्थ भाव में रहेंगे। वर्षारम्भ में गुरू मेष राशि में पंचम भाव में रहेंगे और 1 मर्इ को वृष राशि में षष्ठ भाव में गोचर करेंगे। मंगल ग्रह अपनी सरल गति से गोचर करेंगे। 29 अप्रैल से 28 जून तक शुक्र अस्त रहेंगे।

कार्य व्यवसाय़

कार्य व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष के प्रारम्भ में आमदनी के नये स्रोत मिलने की उम्मीद है। इस अवधि में कोर्इ नया कार्य प्रारम्भ करेंगे, तो उसमें सफलता मिलने की उमीद ज्यादा है। आपको अनुभवी और वरिष्ठ लोगों का सहयोग मिलेगा जिससे आपके कार्यों में लाभ की उम्मीद बढ़ जाएगी। अप्रैल के बाद समय थोड़ प्रभावित हो रहा है। उस समय षष्ठस्थ गुरू के प्रभाव से आप के व्यवसाय में उतार-चढ़ाव का योग बन रहा हैं। कार्यस्थल पर अपने परिवार के लोगों को सम्मिलित न करें। इस समय के अंतराल में किसी के साथ मिलकर व्यापार करना अच्छा नहीं रहेगा। नौकरी करने वाले व्यक्तिओं का स्थानान्तरण होगा। यह स्थानान्तरण आपके अनुकूल स्थान पर नहीं होगा।

धन सम्पत्ति

आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। एकादश स्थान पर गुरु ग्रह के दृष्टि प्रभाव से धनागम में निरन्तरता बनी रहेगी, परन्तु गुरू ग्रह के गोचर के बाद आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं रहेगा। कुछ ऐसे खर्च आ जाएंगे, जिससे आपका बजट बिगड़ सकता है। शीघ्र पैसा कमाने वाले तरीकों पर अंकुश लगाना होगा। जोखिम भरे कार्यों में निवेश करने से बचें अन्यथा आपको हानि हो सकती है। परिवार के किसी सदस्य या माता के स्वास्थ्य पर आपका पैसा खर्च हो सकता है। किसी को उधार न दें नहीं तो वापसी की उम्मीद कम है। अपने खर्च पर अंकुश लगाएं।

परिवार एवं समाज

पारिवारिक दृष्टिकोण से यह वर्ष मिला-जुला रहेगा। अधिक व्यस्तता के कारण परिजनों को अधिक समय नहीं दे पाएंगे। लेकिन परिवार में एक दूसरे के प्रति परस्पर सहयोग की भावना बनी रहेगी। पंचमस्थ गुरु के प्रभाव से नवविवाहित व्यक्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होगी। भाइयों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। अप्रैल के बाद आपकी माता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। परिवार में किसी सदस्य के साथ आपका वैचारिक मतभेद हो सकता है। विवेक से काम लेना लें और अपने अंदर प्रतिरोधात्मक शक्ति विकसित करें।

संतान

संतान के लिए वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। पंचमस्थ गुरू के प्रभाव से आपके बच्चों की शिक्षा के प्रति रूचि बढ़ेगी। उच्च शिक्षा प्राप्ति हेतु उच्च शैक्षणिक संस्थान मे प्रवेश हो जाएगा। आपके बच्चों की उन्नति होगी। यदि वह विवाह के योग्य है, तो विवाह हो जाएगा। अप्रैल के बाद समय थोड़ा प्रभावित हो रहा है। उस समय उनका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। अतः उनके स्वास्थ्य पर ध्यान दें। आपके दूसरे बच्चे के लिए यह वर्ष सामान्य रहेगा।

स्वास्थ्य

लग्न स्थान पर गुरू ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आप मानसिक रूप से सन्तुष्ट एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि होगी, जिससे आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ेगी और आप पूर्ण रूप से स्वस्थ अनुभव करेंगे। संतुलित आहार एवं नियमित व्यायाम करें। अप्रैल के बाद गुरु ग्रह का गोचर प्रतिकूल होने के कारण आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। छठे स्थान का गुरु पृथ्वी तत्व राशि में होने के कारण संक्रामक रोग या पेट संबंधित परेशानी दे सकता है। घी या तली हुर्इ वस्तुओं का सेवन कम करें।

करियर एवं प्रतियोगी परीक्षा

प्रतियोगिता परीक्षा के लिए यह वर्ष अनुकूल रहेगा। विद्यार्थियों के लिए वर्ष का प्रारम्भ उत्तम रहेगा। पंचमस्थ गुरू के प्रभाव से उच्च शिक्षा के लिए प्रयासरत विद्यार्थियों का अच्छे शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश हो जाएगा। गुरू ग्रह के गोचर के बाद समय बहुत अच्छा नहीं रहेगा। जिन जातकों की अभी तक नौकरी नहीं लगी है उनको कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष सामान्य रहेगा। तृतीय स्थान के शनि छोटी मोटी यात्राएं कराते रहेंगे। वर्ष के प्रारम्भ में नवम स्थान पर गुरू की दृष्टि प्रभाव से आप लम्बी यात्रा करेंगे। तीर्थ यात्रा के योग बन रहे हैं। अप्रैल के बाद द्वादश स्थान पर राहु एवं गुरू ग्रह के संयुक्त दृष्टि प्रभाव से विदेश यात्रा भी करेंगे। विदेश जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए समय बहुत अनुकूल है।

धर्म कार्य एवं ग्रह शान्ति

• प्रत्येक दिन दुर्गा सप्तसती का पाठ करें एवं नीली वस्तु का दान करें। • माता-पिता, गुरु, साधू, संन्यासी और अपने से बड़े लोगों का आशीर्वाद प्राप्त करें। • मंदिर या धार्मिक स्थानों पर केला या बेसन के लड्डू वितरित करें।

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धनु राशि के सामान्य गुण

भौतिक लक्षण धनु राशि

सुंदर, सुविकसित आकृति, बादामी आंखें, भूरे बाल, धनी और ऊंची भौंहें, लंबा चेहरा, लंबी नाक, सुंदर आकृति, चाल सीधी नहीं होती है। मोटे होंठ, नाक, कान और दांत।

अन्य गुण :

स्वतंत्र, दयालु, ईमानदार, भरोसेमंद, ईश्वर भक्त। चौकन्ने, अतीन्द्रिय ज्ञानयुक्त, बात की तह तक शीघ्र पहुंच जाते हैं। आंखें कमजोर हो सकती हैं, कुबड़ापन संभव है। न्यायप्रिय, स्पष्टवादी, परंपरावादी, व्यावसायिक दृष्टिकोण। कभी-कभी बेचैन और चिंतित हो जाते हैं। दोहरी मानसिकता, हरफनमौला, प्रत्येक विषय सीखने को इच्छुक, प्रसन्नचित्त रहते हैं। कानून का पालन करने वाले, अदालतों से दूर रहते हैं। सादे जीवन से प्रसन्न, समय के अनुसार अपने को ढाल लेते हैं। कला और काव्य के प्रेमी, सर्जनात्मक प्रतिमा के धनी। कानून का पालन करते हैं, अदालत के पचड़ों से दूर रहते हैं। पराविद्या और दर्शनशास्त्र में रुचि होती है।

खानपान और सेक्स में संयम बरतते हैं। कार्य में सफाई, सुव्यवस्था, क्रमबद्धता, अनुशासन और परिश्रम द्वारा सफलता प्राप्त करते हैं। आत्मविश्वास उत्तम होता है। हाथ के कार्य को अधूरा नहीं छोड़ते हैं। सरकार से सहयोग मिलता है, विरासत में जायदाद प्राप्त करते हैं।

संभाव्य रोग धनु राशि :

साइटिका, गठिया का दर्द, कूल्हे की हड्डी टूटना, गाउट, फेफड़ों की व्याधि आदि। अध्यापक, वक्ता, धर्मगुरु, न्यायाधीश, वकील आदि कार्यों में सफल होते हैं। 18 से 37 वर्ष की आयु के मध्य आर्थिक स्थिति उत्तम होती है। 38 से 47 वर्ष में घरेलू कष्ट रहता है। 61 से 69 वर्ष के दौरान संपन्नता रहती है।

अशुभ वर्ष धनु राशि :

2, 10, 18, 31, 38 एवं 42

वह स्थान जहां घोड़े, हाथी या रथ (मोटर कार) रखे जाते हैं। राजा का निवास, पाप राशि, पुरुष राशि, दिनबली, पृष्ठोदय, लम्बोतरा चेहरा और गर्दन, कान तथा नाक बड़े, अत्यधिक उदार, अच्छे दिल वाला, भौतिक संस्कृति को पसंद करने वाला, यात्रा-पसंद, ऊँची आवाज आदि लक्षण के होते हैं।

धनु राशि के उपयुक्त व्यवसाय

खेल, कानून, शिक्षा, शिक्षण, उपदेश, पेशे शैक्षणिक करने के लिए संबंधित

धनु राशि की मित्र राशि

कर्क, सिंह, वृश्चिक, मीन, मेष राशि

धनु राशि का तत्व

आग

धनु राशि का संबद्ध चक्र

स्वदिस्थाना