Mesh Varsik Rashifal - जाने मेष राशि वार्षिक राशिफल के बारे में

वार्षिक राशिफल (मेष राशि)

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वर्ष के प्रारम्भ में कुम्भस्थ शनि एकादश भाव में रहेंगे व मीनस्थ राहु द्वादश भाव में रहेंगे और 29 मार्च को शनि मीन राशि द्वादश भाव में और 30 मर्इ को राहु कुम्भ राशि एकादश भाव में प्रवेश करेंगे। वर्ष के शुरुआत में वृष राशि का गुरु दि्वतीय भाव में रहेंगे और 14 मर्इ को मिथुन राशि तृतीय भाव में प्रवेश करेंगे और अतिचारी हो कर 18 अक्टूबर को कर्क राशि चतुर्थ स्थान में गोचर करेंगे और वक्री होकर फिर से 5 दिसम्बर को मिथुन राशि तृतीय भाव में आ जाएंगे।

कार्य व्यवसाय़

व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ बढि़या रहेगा कार्य व्यवसाय में अच्छा लाभ होगा। व्यापार में बड़े भार्इयों का सहयोग प्राप्त होगा। कार्य कुशलता एवं दक्षता के बल पर सफलता प्राप्त करेंगे परन्तु 29 मार्च के बाद द्वादस्थ शनि के प्रभाव से आप अपने कार्यों को अंजाम तक पहुंचाने में कठिनार्इ का अनुभव करेंगे। आपके कार्य क्षेत्र में गुप्त शत्रुओं द्वारा रुकावटें डाली जा सकती हैं इसलिए बिना किसी पर विश्वास किये आप अपनी बौद्धिक शक्ति के अनुसार कार्य करते रहें। इस समय के अंतराल में कोर्इ नया व्यापार प्रारम्भ न करें। यदि आप साझेदारी में कोर्इ कार्य कर रहे हैं, तो 14 मर्इ के बाद लाभ प्राप्त होगा।

धन सम्पत्ति

आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ बढि़या रहेगा। दि्वतीय स्थान पर गुरु ग्रह के गोचरीय प्रभाव से आपके धनागम में निरंतरता बनी रहेगा जिससे आप इच्छित बचत करके आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना सकते हैं। रत्न आभुषण इत्यादि का सुख प्राप्त होगा। अष्टम स्थान पर गुरु एवं शनि ग्रह की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से पैतृक सम्पत्ति, या ससुराल से धन प्राप्त होने का योग बन रहा है। 30 मर्इ के बाद राहु ग्रह का गोचर एकादश स्थान में हो रहा है उस समय आपको अचानक धन लाभ होगा जिससे आपको पुराने चले आ रहे ऋण इत्यादि से मुक्ति मिल सकती है।

परिवार एवं समाज

पारिवारिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अच्छा रहेगा। वर्षारम्भ में दि्वतीयस्थ गुरु के प्रभाव सॆ परिवार में सदस्य संख्या में वृद्धि होगी। यह वृद्धि विवाह या जन्म के माध्यम से हो सकती है। आपके परिवार में एक दूसरे के प्रति समर्पण की भावना होने से सुख शान्ति का वातावरण बना रहेगा। भार्इयों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। 14 मर्इ के बाद आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वृृृद्धि होगी। सामाजिक गतिबिधियों में आप बढ़-चढ़ कर भाग लेंगे और समाजिक उत्थान के लिए कोर्इ संस्था का संचालन भी कर सकते है।

संतान

संतान के लिए वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल है। दि्वतीयस्थ गुरु के प्रभाव से आपके बच्चों की उन्नति होगा। 14 मर्इ के बाद दूसरी संतान के लिए समय बहुत उत्तम है। यदि आप दूसरे बच्चे की इच्छा रखते हैं। तो गर्भाधान का सुन्दर समय चल रहा है। यदि आपका दूसरा बच्चा विवाह के योग्य है तो विवाह हो जाएगा। इस समय के अंतराल में बच्चों के साथ भावानात्मक लगाव बढे़गा।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य की दृष्टि वर्ष का प्रारम्भ उत्तम रहेगा। शारीरिक ऊर्जा व कार्य क्षमता में वृद्धि होगी। पूर्ण रूप से शारीरिक आरोग्यता बनी रहेगी परन्तु 29 मार्च के बाद द्वादशस्थ शनि के प्रभाव से आप छोटी-मोटी बीमारियों के कारण परेशान हो सकते हैं। समय का सदुपयोग कर अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाने की कोशिश करें। किसी आर्थिक मुद्दे को लेकर या किसी विरोधी के कारण दिमागी तनाव न पालें। चिड़-चिड़े न बनें अन्यथा इन सबका आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

करियर एवं प्रतियोगी परीक्षा

प्रतियोगिता परीक्षा के लिए वर्ष का प्रारम्भ अच्छा रहेगा, षष्ठ स्थान पर गुरु ग्रह के दृष्टि प्रभाव से आप प्रिंतयोगिता परीक्षा में सबसे आगे रहेंगे। कुछ अनुभवी व्यक्तियों से मिलकर आप अपनी कार्यशैली में सुधार करेंगे। सरकारी अफसरों और वरिष्ठ लोगों का सहयोग प्राप्त होगा, जिससे आपको कार्यों में लाभ प्राप्त हो सकता है। 29 मार्च से समय बहुत शुभ हो रहा है। षष्ठ स्थान पर शनि एवं गुरु ग्रह की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से बेरोजगार लोगों को रोजगार मिलने का प्रबल योग बन रहा है। गुरु के गोचर के बाद सफलता प्राप्ति के लिए आपको अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष अनुकूल रहेगा। द्वादश स्थान के राहु विदेश यात्रा के प्रबल योग बना रहे हैं। 14 मर्इ के बाद तृतीय स्थान पर गुरु ग्रह के गोचरीय प्रभाव से आपकी छोटी-मोटी यात्राओं के साथ लम्बी यात्राएं भी होती रहॆंगी। यात्रा के दौरान या वाहनादि चलाते समय सावधनी बहुत जरूरी है, क्योंकि 29 मार्च के बाद शनि ग्रह का गोचर अनुकूल नहीं रहेगा।

धर्म कार्य एवं ग्रह शान्ति

धार्मिक कार्य के लिए वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। र्इश्वर के प्रति आपके मन में अटूट विश्वास बना रहेगा। 14 मर्इ के बाद नवम स्थान पर गुरु एवं शनि ग्रह की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से आप कोर्इ विशेष पूजा-पाठ, यज्ञ, अनुष्ठान आदि सम्पन्न करेंगे एवं तीर्थ यात्रा कर पुण्यार्जन भी करेंगे। • शनिवार के दिन सुबह-सुबह पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाएं एवं सन्ध्या के समय चौमुखी दीपक जलाएं। • बुधवार के दिन गणेशजी को दूर्वा चढ़ाएं एवं ऊँ गं गणपतये नमः मन्त्र का पाठ करें। • नित्य प्रति हनुमान चालीस का पाठ करें।

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मेष राशि के सामान्य गुण

भौतिक लक्षण मेष राशि :

मध्यम कद, पतला मांसल शरीर, लंबा चेहरा और गर्दन, चौड़ा मस्तक, सिर या कनपटी पर निशान, सुदृढ़ दंतपक्ति, गोल आंखें, घुंघराले बाल।

अन्य गुणः

महत्वाकांक्षी, अग्रणी और उत्साही, अड़ियल मगर स्पष्टवादी, व्यावहारिक, सौंदर्य, कला और सुरुचि प्रेमी। साहसिक, वाद-विवाद में रुचि, झगड़ालू। धार्मिक कट्टरपंथी, धैर्यहीन। जल से डर, भ्रमण प्रिय, प्रारंभिक जीवन में संघर्ष रहते हैं। योजना बनाने में निपुण, कार्यगति तीव्र, प्रशासन में सक्षम। दीर्घकालीन कार्यों में अरुचि। संकट का सामना करने की प्रतिभा परंतु दीर्घकालीन कष्टों से लड़ने में अक्षम। दूरदृष्टि, आदर्शवादी, उचित-अनुचित के मापदंडों का स्वयं निर्माता। लघु स्तर के कार्यों में अरुचि, विशालकाय उद्यमों से लगाव। उत्तम स्वभाव और आकर्षण, विपरीत लिंग के व्यक्ति प्रभावित होते हैं। जीवन का स्वयं निर्माता, कामी, प्रेम प्रसंगों में असफल। गृह और परिवार से लगाव, सदा परिवारजनों के मध्य रहना पसंद करते हैं। घर को साफ-सुथरा रखते हैं। सरकार में उच्च पदों पर आसीन।

सौभाग्यशाली वर्ष मेष राशि :

16, 20, 28, 34, 41, 48, 51

कष्टप्रद वर्ष मेष राशि :

1, 3, 6, 8, 15, 21, 36, 40, 45, 56, 63

संभावित रोग मेष राशि :

सिरदर्द, जलना, तीव्र ज्वर, पक्षाघात, मुंहासे, आधा-सीसी का दर्द, चेचक और स्नायविक व्याधियां। अधिक विश्राम और निद्रा, स्वादिष्ट भोजन और सब्जियों में रुचि।

रत्नों के रखने का स्थान, धातु, अग्नि, खनिज पदार्थ, लाल रंग, पाप राशि, मिलनसार, तुनुक मिजाज, झूठ बोलना, पृष्ठोदय, पुरुष राशि, क्रूर राशि, अग्नि तत्व, रजो गुण, दिनबली होती है।

मेष राशि के उपयुक्त व्यवसाय

पुलिस, सेना, खनन, सिविल सेवा, राजनीति, मेडिकल एवं पत्रकारिता

मेष राशि की मित्र राशि

कर्क, सिंह, धनु, मीन, वृश्चिक

मेष राशि का तत्व

आग

मेष राशि का संबद्ध चक्र

मणिपुर